बचपन में जब मैं छोटा था। सही बता रहा हूं बचपन में मैं छोटा था। बात तब की है। गांव के होनहार और ज्ञानी बड़का भैया लोग कहानी सुनाते थे। कहानियां भी गजब होती थीं। एक बार कहानी सुनाने लगे अत्ताउल्लाह खान की। अत्ताउल्लाह खान की कहानी पूरे दुनिया से होते हुए सनम बेवफा पर आकर अटकी।
https://www.youtube.com/watch?v=y30S_g5nATY&t=712s
भैया, कसम खुदा की। बेवफाओं के मसीहा की तरह लगने लगा। कई लोग तो कहानी सुनाते सुनाते इतने भावुक हो जाते थे कि खुद को ही अत्ताउल्लाह खान समझ लेते थे।
कहानी ऐसी थी कि किसी के मन में भी अत्ताउल्लाह खान के लिए अथाह प्रेम उमड़ने लगे। भैया कहे, जानते हो, एक लड़की से बड़ा प्रेम करता था। फिर उसकी शादी किसी और से होने लगी तो गाना गाया, दिल तोड़ के हंसती हो मेरा वफाएं मेरी याद करोगी...। अब भाई हमलोग छोटे। दिल तोड़ना तो समझ जाते थे लेकिन ये वफा और बेवफा ना समझ आए। भैया से पूछ दें कि इसका मतलब। भैया भड़क जाए। ज्यादा तेज न चलो। जो बता रहे हैं सुनो। ये हर कोई नहीं बताता।
भैया लोग की बगावत कैसे कर सकते हैं। सुनने लगे। भैया तिरंगा गुटका फाड़ के दबाए और फिर शुरू किए कहानी। ये वाला गाना गाने के बाद उसके गम में कई गाना गाया। परदेशिया तेरे बिना मेरा दिल न लगे...। बेवफा यूं तेरा मुस्कराना...। और ऐसे ही कई गाने।
भैया की कहानी आगे बढ़ी। बोले कि जब लड़की की शादी किसी और से होने लगी तो अत्ताउल्लाह खान गए और लड़के को मार दिया। उसके बाद जेल चले गए और जेल में जाकर गाना गाए, बेदर्दी से प्यार का सहारा ना मिला, ऐसा बिछड़ा जो फिर से दोबार ना मिला...। ये गाना गाने के बाद खान साहब जेल में ही खुदकुशी कर अपने जीवन लीला को समाप्त कर दिए।
ये बातें सुनने के बाद अत्ताउल्लाह खान अब हमारे लिए एक गायक नहीं बल्कि एक मसीहा हो गए। एक ऐसा मसीहा जो अपने प्यार के लिए जान तक दे दिया।
बाद में कोई अत्ताउल्लाह खान का गाना सुनाए, तो हम ये कहानी बता दें। फिर किसी ने बताया कि ये गलत है और विकीपेडिया पर दिखा दिया कि लो, देख लो बेटा अभी भी जिंदा है। वो सब फर्जी है।
जो भी हो फर्जी हो या दर्जी हो लेकिन कहानी गजब की थी। अत्ताउल्लाह खान। कमीज तेरी काली.......
Attaullah Khan |
https://www.youtube.com/watch?v=y30S_g5nATY&t=712s
भैया, कसम खुदा की। बेवफाओं के मसीहा की तरह लगने लगा। कई लोग तो कहानी सुनाते सुनाते इतने भावुक हो जाते थे कि खुद को ही अत्ताउल्लाह खान समझ लेते थे।
कहानी ऐसी थी कि किसी के मन में भी अत्ताउल्लाह खान के लिए अथाह प्रेम उमड़ने लगे। भैया कहे, जानते हो, एक लड़की से बड़ा प्रेम करता था। फिर उसकी शादी किसी और से होने लगी तो गाना गाया, दिल तोड़ के हंसती हो मेरा वफाएं मेरी याद करोगी...। अब भाई हमलोग छोटे। दिल तोड़ना तो समझ जाते थे लेकिन ये वफा और बेवफा ना समझ आए। भैया से पूछ दें कि इसका मतलब। भैया भड़क जाए। ज्यादा तेज न चलो। जो बता रहे हैं सुनो। ये हर कोई नहीं बताता।
भैया की कहानी आगे बढ़ी। बोले कि जब लड़की की शादी किसी और से होने लगी तो अत्ताउल्लाह खान गए और लड़के को मार दिया। उसके बाद जेल चले गए और जेल में जाकर गाना गाए, बेदर्दी से प्यार का सहारा ना मिला, ऐसा बिछड़ा जो फिर से दोबार ना मिला...। ये गाना गाने के बाद खान साहब जेल में ही खुदकुशी कर अपने जीवन लीला को समाप्त कर दिए।
ये बातें सुनने के बाद अत्ताउल्लाह खान अब हमारे लिए एक गायक नहीं बल्कि एक मसीहा हो गए। एक ऐसा मसीहा जो अपने प्यार के लिए जान तक दे दिया।
बाद में कोई अत्ताउल्लाह खान का गाना सुनाए, तो हम ये कहानी बता दें। फिर किसी ने बताया कि ये गलत है और विकीपेडिया पर दिखा दिया कि लो, देख लो बेटा अभी भी जिंदा है। वो सब फर्जी है।
जो भी हो फर्जी हो या दर्जी हो लेकिन कहानी गजब की थी। अत्ताउल्लाह खान। कमीज तेरी काली.......
सहि है भाइ हमलोगो को भि येहि कहानी बताया गया था। इसिके चलते अताउल्लाह खान के गाने को बढे ध्यान से सुनते थे।
ReplyDeleteआज गुगल पर वही खोज रहा था सेम स्टोरी सेम कहानी
ReplyDeleteबहुत ही घटिया होती हैं ये बेवफाई
ReplyDeleteDubai se cassettes lane wale dhakkan log ye zhoot ka ghoont pikar aaye the. Banda bada popular ho gaya.
ReplyDeleteThis is only controversy & publicity
ReplyDeleteAll our Fake Story For Attaullah Khan
Isaq hi gaya bedardi attullah
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