Wednesday, February 8, 2017

ठंडी हवा के झोंके चलते हैं हल्के हल्के, ऐसे में दिल न तोड़ो, वादे करो न कल के।

ठंडी हवा के झोंके चलते हैं हल्के हल्के
ऐसे में दिल न तोड़ो, वादे करो न कल के

चलते हैं वो भी हमसे तेवर बदल-बदल के
जिनको सिखाया हमने चलना सम्भल-सम्भल के
ऐसे में दिल न तोड़ो वादे करो न कल के

शाकी ने आज मुझको ऐसे नजर से देखा
मौसम हुआ गुलाबी, रंगीन जाम छलके
ऐसे में दिल न तोड़ो, वादे करो न कल के
ठंडी हवा के झोकें चलते हैं हल्के हल्के

विस्तर की सिलवटों ये महसूस हो रहा है
तोड़ा है दम किसी ने करवट बदल-बदल के
ऐसे में दिल न तोड़ो वादे करो न कल के

नोट- किसी का गाया हुआ गजल

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