मुम्बई मंथन हो रहा है.... ऐसा लग रहा है जैसे भारत के एक ही राज्य की सरकार का एक साल का हुआ है.. आज तक जी हरियाणा में भी सरकार का एक साल इसी 26 को हुआ था उस पर भी चंडीगढ़ मंथन या गुडगांव मंथन करा लिए होते, झारखण्ड में भी सरकार का एक साल होगा लेकिन भारत की मीडिया कभी दिल्ली और मुम्बई से आगे बढ़ ही नहीं पाई है. मुद्दा इनको केवल दिल्ली और मुम्बई में ही मिलता है. साला मुम्बई, दिल्ली नहीं होता तो इनकी कारगुजारी ही नहीं चलती खैर चलिए कहीं तो फोकस है. बात ये हैं की जहा फोकस है वहा भी कुछ खाश असर नहीं पड़ रहा है. आप चिल्लाते रहिये वहा तो कुछ होगा नहीं. छोटे शहरों पर मीडिया अगर फोकस करती है तो वहा कुछ असर पड़ता है और तरीके का असर पड़ता है पर बड़े शहर वाले तो इनके आदि हो गए है और कुछ सुनते भी नहीं, वो जानते है की हंगामा मचाना इनका काम है और हमे जो करना है वो करते रहना चाहिए. थोड़ा छोटे शहरों पर ध्यान देंगे तो वहा का कुछ भला भी हो जाएगा क्यों कि छोटे शहर के अधिकारी और लोग मीडिया को बहुत कुछ मानते एवं सम्मान करते है. हे मेरे मीडिया कुछ भला करिये इस देश का नहीं तो आप भी नेताओं की तरह सम्मानित हो जायेंगे और लोग आपको भी माला पहनाने लगेंगे, हे मेरे मीडिया आपको तो पता ही होगा की माला किसे पहनाया जाता है.
शायद इस देश की मीडिया को ये भी नहीं पता होगा की भारत के हिमाचल प्रदेश के बीड़ बिलिंग में 2015 का पैराग्लाइडिंग वर्ल्ड कप भी हो रहा है...
मंथन करते रहिये ये भी जरुरी है. अगर फुरसत मिल जाए तो अपना भी मंथन कर लेना मेरे प्यारे मीडिया।
शायद इस देश की मीडिया को ये भी नहीं पता होगा की भारत के हिमाचल प्रदेश के बीड़ बिलिंग में 2015 का पैराग्लाइडिंग वर्ल्ड कप भी हो रहा है...
मंथन करते रहिये ये भी जरुरी है. अगर फुरसत मिल जाए तो अपना भी मंथन कर लेना मेरे प्यारे मीडिया।
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