आज
तुम बहुत दिन बाद मिली थी,
पर वैसे नहीं लगा मिल के
जैसे पहली बार में लगा था।
तुम बहुत दिन बाद मिली थी,
पर वैसे नहीं लगा मिल के
जैसे पहली बार में लगा था।
आज
नज़रें चुरा रही थी तुम
फिर भी मिल गई नज़र
तुमने नजरें ऐसी झुकाई
जैसे पहले मैं झुकाता था।
नज़रें चुरा रही थी तुम
फिर भी मिल गई नज़र
तुमने नजरें ऐसी झुकाई
जैसे पहले मैं झुकाता था।
आज
मैं नहीं बोला तुमसे
बाते तुमने शुरू की
बड़ी घबरा कर
जैसे पहले मैं घबड़ाता था।
मैं नहीं बोला तुमसे
बाते तुमने शुरू की
बड़ी घबरा कर
जैसे पहले मैं घबड़ाता था।
आज
पहली बार लगा मुझको
तुम अपने से डरी हो-मुझसे मिल कर
जैसे पहले मैं डरता था।
पहली बार लगा मुझको
तुम अपने से डरी हो-मुझसे मिल कर
जैसे पहले मैं डरता था।
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