Thursday, February 4, 2016

now aadhar can be used as security measures

आधार के जरिए अब जल्द ही देश केे नागरिक ड्राइवरों और घरेलू नौकरों की भर्ती करने से पहले सारी जानकारी हासिल कर सकेंगे। सरकार आधार जांच का दायरा बढ़ाने की तैयारी में है। अब तक आधार के जरिए जांच का सिस्टम बैंक और कुछ सरकारी विभागों तक ही सीमित था, जिसे बढ़ाकर आम लोगों और प्राइवेट विभागों तक पहुंचाया जा रहा है।
साथ ही, यह भी सुनिश्चित किया जा रहा है कि और सुरक्षित सिस्टम के जरिए प्रइवेसी की चिंताओं को दूर किया जाए। मामूली फीस देकर लोगों के यूनिक आईडी नंबर का इस्तेमाल करते हुए उनके डीटेल्स की जांच की जा सकेगी। आधार को रियल टाइम में भी चेक किया जा सकेगा।
इस सर्विस का इस्तेमाल उन कंपनियों की तरफ से भी किया जा सकता है, जो अपने कंज्यूमर्स और स्टाफ के रिकॉर्ड की प्रामणिकता का पता लगाना चाहती हैं। एक थर्ड पार्टी एजेंसी रहेगी जो लोगों और कंपनियों के बदले जांच का काम करेगी। यह सब नरेंद्र मोदी के हालिया उस आदेश के बाद से किया जा रहा है, जिसमें उन्होंने कहा था कि आधार के इस्तेमाल का दायरा बढ़ाया जाए।
आधार से जुड़ी प्राइवेसी की चिंताओं को दूर करने के लिए नया ऑथेंटिकेशन सिस्टम ईकेवाईसी नियम से अलग तरह से काम करेगा। फिलहाल सरकारी विभाग औऱ बैंक ईकेवाईसी नियम का पालन करते हैं। ईकेवाईसी के तहत यूजर एजेंसियां किसी शख्स का आधार नंबर डालने पर सर्वर नाम, पता और बाकी डीटेल्स मुहैया कराता है, जिसे बाद में एजेंसियों द्वारा स्टोर किया जाता है। प्राइवेट कंपनियों और नागरिकों को दी जाने वाली सर्विस के तहत आधार लेटर पर मौजूद बारकोड की स्कैनिंग की जाएगी और इसमें मौजूद डेटा को वेरिफिकेशन के लिए आधार डेटाबेस भेजा जाएगा और फिर हां या ना में इसका जवाब मिलेगा। यह जांच का सबसे सुरक्षित तरीका होगा, क्योंकि इस डेटाबेस के जरिए किसी भी नागरिक के डेटा ट्रांसफर नहीं होंगे।
UIDAI के मुताबिक, कुल 300 जांच यूजर कंपनिया हैं। इससे अब तक 111 करोड़ ट्रांजेक्शन देखे गए हैं।तकरीबन 20 कंपनियों ने आधार जांच सर्विस के लिए रजामंदी जताई है, जिसमे एयरटेल, वोडाफोन और सरकारी कंपनी बीएसएनएल जैसी टेलीकॉम कंपनियों के अलावा मास्टर कार्ड और वीजा जैसी फाइनेंशियल फर्मे भी शामिल है।
इससे उन कंपनियों को सबसे ज्यादा फायदा होगा जिनके पास बड़ी संख्या में एम्पलॉयीज हैं या जो यूजर वेरिफिकेशन पर अच्छी-खासी रकम खर्च करती हैं। फाइनेंशियल फर्मे फिनोपेटिक आधार नंबर के जरिए कस्टमर्स की जांच के लिए एक ई-कॉमर्स फर्म से बात कर रही है।
शराब पीने से होने वाली मौत से परेशान एक नाई ने इससे लड़ने का अनोखा तरीका निकाला है। गांधीनगर में नाई का काम करने वाले प्रवीण मास्टर ने लोगों की शराब की आदत को छुड़वाने का दिलचस्प तरीका खोजा है। शराब और सिगरेट की आदत छोड़ने का वादा करने वालों के बाल काटने और ढाढ़ी बनाने का वह पैसा नहीं लेते हैं।इतना ही नहीं, प्रवीण लोगों से यह वादा भी करते हैं कि अगर शराब और सिगरेट 3 महीने तक छोड़ने के बाद भी उन्हें अपनी जिंदगी में सकारात्मक बदलाव महसूस नहीं हुआ तो वह खुद जिंदगी भर उनके शराब-सिगरेट का खर्च उठाएंगे। प्रवीण की उम्र मात्र 35 साल है और उन्होंने अपने 3 दोस्तों को शराब से होने वाली बीमारियों के कारम मरता हुआ देखा है।
प्रवीण अपने दोस्तों की आर्थिक तौर पर मदद करना चाहते थे, लेकिन अपनी कमजोर माली हालात के कारण ज्यादा कुछ कर नहीं सके। इसके बाद ही उन्होंने शराब-सिगरेट छोड़ने का वादा करने वाले ग्राहकों को मुफ्त सेवा देने के बारे में सोचा। 2 साल पहले उन्होंने इसपर अमल करना शुरू किया। अभी तक वह 15 लोगों की शराब और सिगरेट की लत को छुड़ा चुके हैं। इनमें कुछ लोग जहां प्रवीण को अपना डॉक्टर कहते हैं, वहीं कुछ लोग सलून को नसामुक्ति केंद्र मानते हैं।
प्रवीण ने जिन लोगों की लत छुड़ाई है, उनमें 34 साल के प्रकाश परमार भी शामुल हैं। वह कहते हैं कि प्रवीण की सलाह उनके लिए काम कर गई। प्रकाश बताते हैं कि मैंने 6 महीने से शराब- सिगरेट नहीं पीया है। मेरी परिवारिक और आर्थिक स्थिति में काफी सुधार आया है। मैंने शराब-सिगरेट इसलिए नहीं कि मुझे फ्री में बाल और ढाढ़ी कटवाना था। मैंने यह लत इसलिए छोड़ी क्योंकि प्रवीण ने मुझे एक डॉक्टर की तरह समझाया।
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